हरियाणा रोडवेज की हड़ताल जिसने रोक दी 4100 बसों के पहिये | Haryana Express
इतिहास में जब भी हरियाणा रोडवेज परिवहन की बात आएगी तो हरियाणा रोडवेज के आंदोलन का ज़िक्र जरूर किया जाएगा । लगभग 18 दिन चले इस हड़ताल ने हरियाणा रोडवेज के किस्मत में नहीं बल्कि हरियाणा के राजनीति को भी बदल कर रख दिया । इस हड़ताल के वजह से लगभग 10 राज्यों की आवागमन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था । इस हड़ताल के दौरान राजस्थान, जम्मू, उत्तराखंड, चंडीगढ़ दिल्ली, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, में बस सेवा बाधित रही थी । ऐसा अनुमान लगाया गया है कि एक दिन की हड़ताल से लगभग चार करोड़ रुपये की चपत सरकार को लगी है ।
हरियाणा सरकार और हरियाणा रोडवेज के यूनियन के बीच तकरार की वजह हरियाणा सरकार के द्वारा लाई गई किलोमीटर स्कीम है जिसके तहत हरियाणा सरकार लगभग 700 बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत प्रथम चरण में लाना चाहती थी जिसका विरोध रोडवेज यूनियन ने जमकर किया ।
हरियाणा सरकार और रोडवेज यूनियन के बीच तकरार और बढ़ती चली गई रोडवेज यूनियन के कर्मचारी हरियाणा सरकार और की बात को किसी भी हाल में मानने को तैयार नही थे । वही हरियाणा सरकार भी फैसले और आदेश पर टस से मस नहीं हुई ।
हड़ताल के दौरान रोडवेज के कर्मचारी हरियाणा सरकार के अधिकारियों से लगातार मिलते रहे लेकिन सभी प्रकार की बातचीत विफल होने लगी जिसके वजह से हड़ताल की सीमा बढ़ने लगी । वहीं सरकार ने भी हड़ताल को विफल करने के लिए अनेक प्रकार के प्रयास किए ।
हरियाणा सरकार और हरियाणा रोडवेज यूनियन कर्मचारियों के बीच बढ़ रही दूरियों को हाई कोर्ट ने कम कर दिया । हाई कोर्ट के दखल अंदाजी के बाद हरियाणा रोडवेज के यूनियन कर्मचारियों ने हड़ताल को खत्म करके लगभग 18 दिन बाद अपने काम पर फिर से वापस दिवाली के मौके पर लौटे और फिर से हरियाणा रोडवेज की 4100 बसें चलने लगी।
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